पर्युषणासमं नान्यत् कर्मणां मर्मभेदकृत्॥
जय हो अनंत उपकारी वीतराग सर्वज्ञ अरिहंत परमात्मा की, जिन्होंने पर्वो में श्रेष्ठ ऐसे पर्युषण महापर्व का प्रकाश दिया| यह प्रकाश मनुष्य-जन्म में जैन को ही सरलतापूर्वक प्राप्त होता है, इसलिए मानवभवमें तो धर्मकी विशेष आराधना करनी चाहिए|
तीन युवक परदेश जाकर आये| एयरपोर्ट पर ही अग्रगण ओफिसरने तीन में से प्रथम महाराष्ट्रियन युवक को पूछा- ‘‘आप परदेश में क्या करके आये ?’’ उसने जवाब दिया- ‘‘मैं परदेशमें च.इ.अ. पास करके आया|’’ बादमें दूसरे बंगाली युवक को पूछा- ‘‘आप विदेश में क्या करके आये ?’’ उसने जवाब दिया- ‘‘मैं डोक्टरी पास करके आया|’’ बादमें तीसरे सरदारजी को पूछा – ‘‘आप विदेश में क्या करके आये?’’ सरदारजीने कहा – ‘‘मैं अमरिका में टाइम पास करके आया|’’ Continue reading “पर्युषण महापर्व” »