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धर्माचार्य को वन्दन

धर्माचार्य को वन्दन

जत्थेव धम्मायरियं पासेज्जा,
तत्थेव वंदिज्जा नमंसिज्जा

जहॉं कहीं भी धर्माचार्य दिखाई दें, वहीं उन्हे वन्दना नमस्कार करना चाहिये

आचारकी प्रेरणा देने वाले आचार्य हैं और यह प्रेरणा जिन्हें प्राप्त होती है, उनके द्वारा वे प्रणम्य हैं| Continue reading “धर्माचार्य को वन्दन” »

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ममता का बन्धन

ममता का बन्धन

ममत्तं छिंदए ताए, महानागोव्व कंचुयं

आत्मसाधक ममत्व के बन्धन को तोड़ फेंके; जैसे महानाग कञ्चुक को उतार देता है

सॉंपों के शरीर पर एक झिल्लीदार पतला चमड़ा होता है, जो हर साल गिर जाता है| उसे संस्कृत में कंचुक और हिन्दी में केंचुली कहते हैं| अजगर जिस प्रकार वर्षभर तक एक केंचुली की खोज में रहकर भी उसके प्रति आसक्ति नहीं रखता और ज्यों ही वर्ष समाप्त होता है, वह तत्काल अपनी केंचुली छोड़ कर अन्यत्र चला जाता है| Continue reading “ममता का बन्धन” »

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ऋतु (मासिक) धर्म का पालन

ऋतु (मासिक) धर्म का पालन
मदनसेना ! ऋतुस्त्राव-रजोदर्शन को मासिक-धर्म कहते हैं| स्वास्थ्य के लिये इस का मास के अंत में होना आवश्यक है| यदि मासिक-धर्म ठीक समय और बिना कष्ट के उचित मात्रा में न हो तो शीघ्र ही उसकी चिकित्सा करना चाहिये| इसमें संकोच और विलंब करना बड़ा घातक है| Continue reading “ऋतु (मासिक) धर्म का पालन” »

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यह पुण्य से मिला है

यह पुण्य से मिला है

शुभानुबन्ध्यतः पुण्यं कर्त्तव्यं सर्वथा नरैः
उत्तम कुल में जन्म पुण्य से मिला है|

उत्तम मां-बाप पुण्य से मिले हैं|

मानव का देह पुण्य से मिला है| Continue reading “यह पुण्य से मिला है” »

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Wallpaper #8

It is better to win over yourself than to win a million enemies

Standard Screen Widescreen
1024×768 1440×900
1600×1200 1920×1080

 

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मन क्या है?

मन क्या है?
इसे न तो तुम्हारी तेज आँखे देख सकती हैं न हाथ ही उसे अपने आधीन रख सकते हैं| मन का न कोई रुप है, न रंग, न आकार| वह विचित्र है, सब देखता है, सब सुनता है| हम जिस शक्ति द्वारा सुख-दु:ख का अनुभव करते हैं उसी अदृश्य शक्ति का नाम है मन| Continue reading “मन क्या है?” »

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इन शब्दों को न भूलो

इन शब्दों को न भूलो
1. मृदु स्वभाव, सदा हँस कर बोलो|

2. माता-पिता, भाई-बहन, सास-ससुर, ननद-जेठानी आदि परिवार से प्रेम रखो|

3. परिश्रमी स्वभाव, कभी बेकार न रहना|

4. बड़ों की सेवा, उनका आदर, छोटों के प्रति स्नेह रखना| Continue reading “इन शब्दों को न भूलो” »

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Quote #12

Our hardest problems reveal our greatest possibilities.
Unknown
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भगवान पार्श्वनाथ – मोरा पासजी हो लाल

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श्री पार्श्वनाथ जिन स्तवन
(राग : राता जेवा फुलडाने)
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Motivational Wallpaper #50

जितना ऊपर उठना हो उतने ऊँचे विचार चाहिये

Standard Screen Widescreen Mobile
800×600 1280×720 iPhone
1024×768 1280×800 iPad
1400×1050 1440×900
1600×1200 1920×1080  
  1920×1200  
  2560×1440  
  2560×1600  

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