जो खा-पीकर आराम से सोता है, वह पापश्रमण कहलाता है
पाप श्रमण
Wallpaper #3
असंवृत्तों का मोह
असंवृत मनुष्य मोहित हो जाते हैं
बन्धनमुक्त करें
वही वीर प्रशंसनीय बनता है, जो बद्ध को प्रतिमुक्त करता है
कर्त्ता – भोक्ता
आत्मा ही सुख दुःख का कर्त्ता और भोक्ता है
हम अच्छे कार्य करते हैं; तो अपने लिए सुख का निर्माण करते हैं और यदि बुरे कार्य करते हैं; तो दुःख का निर्माण करते हैं| इस प्रकार हम स्वयं ही सुख-दुःख के निर्माता हैं, बनाने वाले हैं| Continue reading “कर्त्ता – भोक्ता” »
आतङ्कदर्शी
आतंकदर्शी पाप नहीं करता
अज्ञानी क्या करेगा ?
ज्ञानहीन व्यक्ति क्या करेगा? वह पुण्य पाप को कैसे जानेगा?
छः कोस (गाउ) की प्रदक्षिणा की भावयात्रा
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क्रुद्ध न हों
अनुशासन से क्रुद्ध नहीं होना चाहिये
लाभ – अलाभ
लाभ होने पर घमण्ड में फूलना नहीं चाहिये और लाभ न होने पर शोक नहीं करना चाहिये