जो जन (कामनाओं को) पार कर गये हैं, वे सचमुच ही मुक्त हैं
मुक्त कौन है ?
क्युं न हो सुनाइ स्वामी
श्री सुपार्श्वनाथ जिन स्तवन
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कामों की कामना
साधक कामी बनकर कामभोगों की कामना न करे| उपलब्ध को भी अनुपलब्ध समझे| प्राप्त भोगों पर भी उपेक्षा करे|
Founding of Vidyadhara Cities
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भगवान पार्श्वनाथ – दीक्षा कल्याणक
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चार पुत्र
अणुजाते, अवजाते, कुलिंगाले
पुत्र चार प्रकार के होते हैं – अतिजात, अनुजात, अवजात और कुलांगार
Eleventh Incarnation as Vajranabha
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Quote #9
Nearly all men can stand adversity, but if you want to test a man's character, give him power.Abraham Lincoln
एक मुज विनती निसुणोज़
श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिन स्तवन
मुनिसुव्रत जिनराय,
एक मुज विनती निसुणोज़
आतमतत्त्व क्युं जाणुं जगद्गुरु,
एह विचार मुज कहीयो;
आतमतत्त्व जाण्या विण निरमल,
चित्तसमाधि नवि लहियो
न बद्ध, न मुक्त
कुशल पुरुष न बद्ध होता है, न मुक्त