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ब्रह्मचर्य : वैज्ञानिक विश्‍लेषण

ब्रह्मचर्य यौन विचारों और इच्छाओं से पूर्ण स्वतंत्रता है| यह विचार, वचन और कर्म तथा सभी इंद्रियों का नियंत्रण है| सख्त संयम सिर्फ संभोग से नहीं बल्कि कामुक अभिव्यक्तियों से, हस्तमैथुन से, समलैंगिक कृत्यों से और सभी विकृत यौन व्यवहारों से होना चाहिए|
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Motivational Wallpaper #6

विचार का चिराग बुझ जाने से आचार अंधा हो जाता है

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Motivational Wallpaper #5

जिसने अपने को वश में कर लिया है, उसकी जीत को देवता भी हार में नहिं बदल सकता

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भगवान सत्य

भगवान सत्य

तं सच्चं भगवं

सत्य ही भगवान है

भगवान, ईश्वर, गॉड, अल्लाह, खुदा आदि परमात्मा के विभिन्न नाम हैं| जगत में परमात्मा ही सर्वोच्च सत्ता पर प्रतिष्ठित है; परन्तु वह परमात्मा कैसा है ? उसका स्वरूप क्या है ? इस विषय में विभिन्न दार्शनिकों के विभिन्न मत हैं| Continue reading “भगवान सत्य” »

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अदीनभाव से रहो

अदीनभाव से रहो

अदीणमणसो चरे
विनय गुण है; परन्तु दीनता दोष है| विनीत विवेकशील होता है| वह अपने से अधिक ज्ञानियों के सामने सदा नम्र रहता है, जिससे कि वह उनसे ज्ञान-लाभ पा सके| Continue reading “अदीनभाव से रहो” »

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बंभसारे वनमां भमतां

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राग : नवो वेष रचे
भाव : जीवननी अनाथता नो परिचय ने श्रेणीक ने अनाथी मुनिनो सद्बोध

बंभसारे वनमां भमतां,
ऋषी दीठो रयवाडी रमतां;
रुप देखीने मने रीझयो,
भारे करमी पण भदज्यो.

…१

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कलावती की कलाईयों का छेदन किया गया

कलावती की कलाईयों का छेदन किया गया
कलावती रानी पूर्वभवमें तोते के दोनों पंख को काटकर खुश हई थी, उसकी आलोचना नहीं ली| उसके बाद क्रम से तोते का जीव राजा बना, उसकी रानी कलावती बनी| एक दिन अचानक रानी के हाथ में कंकण (हाथ के आभूषण) पहने हुए देखकर दासीने पूछा कि, ‘‘ये कहॉं से आये?’’ रानी ने जवाब दिया, ‘‘जो हमेशा मेरे मनमें रहता है और जिसके मन में सदा मैं रहती हूं, रात-दिन जिसे मैं भूला नहीं पाती, जिसको देखने से मेरे हर्ष का कोई पार नहीं होता, उसने ये भेजे हैं|’’ Continue reading “कलावती की कलाईयों का छेदन किया गया” »

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सच्चा साधक

सच्चा साधक

हमेशा दूसरों की अच्छाइयॉं देखो

गौतम बुद्ध का एक शिष्य जब दीक्षा ले चुका तो उनसे बोला, ‘‘प्रभु ! अब मैं निकट के प्रांत में धर्म-प्रचार के लिए जाने की आज्ञा चाहता हूँ|’’ गौतम बुद्ध ने कहा, ‘‘वहॉं के लोग क्रूर और दुर्जन हैं| वे तुम्हें गाली देंगे, तुम्हारी निंदा करेंगे तो तुम्हें कैसा लगेगा ?’’ शिष्य – ‘‘प्रभु, मैं समझूँगा कि वे बहुत ही सज्जन और भले हैं, क्योंकि वे मुझे थप्पड़-घूँसे नहीं मारते|’’ Continue reading “सच्चा साधक” »

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परमात्मा का उपकार न भूलो

परमात्मा का उपकार न भूलो

निर्मुक्तसफनिकरं परमात्मतत्त्वम्
तु जो सुख सुविधा भोगते हो वह इन परमात्मा की कृपा का ही फल समझना| परमात्मा ने हमें पुण्य का मार्ग बताया उससे हमने शुभ कर्म कर पुण्य का उपार्जन किया| शुभ कर्म के उदय से उत्तम मानव-जन्म, उत्तम कुल, पांच इन्द्रियां, विचारक मन, माता-पिता, घर, पैसा, आरोग्य, वस्त्र, भोजन के अतिरिक्त तारक देव-गुरु का योग आदि मिले| Continue reading “परमात्मा का उपकार न भूलो” »

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Motivational Wallpaper #16

परमात्मा से जितना हम अपना सम्बन्ध जोडेंगे, उतनी ही शक्ति हमें प्राप्त होगी, क्योंकि शक्ति वहीं से आती है

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