समय पर समयोचित कार्य करना चाहिये
समय पर काम करना प्रकृति का नियम है, जिसका प्रकृति स्वयं पूरी तरह पालन करती है| सायंकाल सूर्योदय नहीं होता और न प्रातःकाल सूर्यास्त होता है| बुढ़ापे के बाद बचपन नहीं आता और न बचपन के बाद सीधा बुढ़ापा आता है| बीच में जवानी की अवस्था पार करनी पड़ती है|
पानी कभी असमय में नहीं बरसता अर्थात् वर्षा ऋतु में ही बरसता है, ठण्ड या गर्मी के मौसम में नहीं| प्रकृति के इस नियम का हमें भी पालन करना चाहिये; अन्यथा प्रकृति उसका तत्काल दण्ड देगी| जिस समय शौच की इच्छा हो रही हो, उस समय स्वाद के लोभ में पड़कर यदि हम खाने बैठ जायें तो क्या होगा? हम एक ओर से पेट में डालते रहेंगे; तो दूसरी ओर से प्रकृति उसे निकालती रहेगी और निकले हुए पदार्थ की बदबू खाने का आनन्द भी नष्ट कर देगी| अतः हमें चाहिये कि सदा समय पर काम करें|
- उत्तराध्ययन सूत्र 1/31
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