अट्ठा हणंति, अणट्ठा हणंति
कुछ लोग प्रयोजन से हिंसा करते हैं और कुछ लोग बिना प्रयोजन ही
बहुत-से छात्र तालाब के किनारे बैठकर पानी में पत्थर फैंकते हैं और उससे उठने वाली और किनारे तक आनेवाली गोलगोल लहरों को देखने का आनन्द लेते हैं; परन्तु उन्हें यह भान नहीं रहता कि उस पत्थर के प्रहार से जल के कितने जन्तु मर जाते हैं या घायल हो जाते हैं|
इसके विपरीत कुछ लोग प्रयोजन से हिंसा करते हैं – जैसे दतौन के लिए टहनी तोड़ना, शारीरिक स्वच्छता के लिए स्नान करना, सॉंस लेना आदि, वैसे तो हिंसा स्वयं पाप है; परन्तु सप्रयोजन हिंसा की अपेक्षा निष्प्रयोजन हिंसा में पाप अधिक है|
- प्रश्नव्याकरण 1/1
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