श्री अभिनंदन जिन स्तवन
राग : बागेश्चरी
Continue reading “तारो मोहे स्वामी” »
तारो मोहे स्वामी
अभिनंदन जिन! दरिसण तरसीए
श्री अभिनंदन जिन स्तवन
राग : धन्यासिरि-सिंधुओ – “आज निहेजो रे दीसे नाईलो रे…’’ ए देशी
अभिनंदन जिन! दरिसण तरसीए,
दरिसण दुरलभ देव;
मत मत भेदे रे जो जई पूछीए,
सहु थापे अहमेव.
…अभिनंदन.१
प्रभु! तेरे नयनकी बलिहारी
श्री अभिनंदन जिन स्तवन
राग : भैरवी
Continue reading “प्रभु! तेरे नयनकी बलिहारी” »