साधो भाई ! समता रंग रमीजे,
अवधू ! ममता संग न कीजे,
साधो भाई ! समता रंग रमीजे.
संपत्ति नाहि नाहि ममता में रमता राम समेटे,
खाट पाट तजी लाख खटाउ अंत खाख में लेटे.
साधो भाई ! समता रंग रमीजे
…साधो.1
मेरी तुं मेरी तुं कांही डरेर
मेरी तुं मेरी तुं कांही डरेर, मेर
कहे चेतन समता सुनि आखर, और दैढ दिन जूठ लरेरी.
…मेरी.१
पंथडो निहाळुं रे
श्री अजितनाथ जिन स्तवन
राग : आशावरी – ‘‘मारुं मन मोह्युं रे श्री सिद्धाचले रे…’’ ए देशी
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मनडुं किमही न बाजे
श्री कुंथुनाथ जिन स्तवन
कुंथुजिन! मनडुं किमही न बाजे,
हो कुंथुजिन! मनडुं किमही न बाजे;
जिम जिम जतन करीने राखुं,
तिम तिम अलगुं भाजे हो
…कुं.१
मेरे प्रान आनन्दघन
मेरे प्रान आनन्दघन तान आनन्दघन ॥ ए आंकणी॥
मात आनन्दघन, तात आनन्दघन
गात आनन्दघन, जात आनन्दघन
…मेरे.१
तेरी हुं तेरी हुं कहुं री
तेरी हुं तेरी हुं कहुं री,
इन बातमें दगो तुं जाने
तो करवत काशी जाय ग्रहुं री.
…तेरी.१