मेरे घट ग्यान भानु भयो भोर
मेरे घट ग्यान भानु भयो
भोर चेतन चकवा चेतना चकवी,
भागो विरह को सोर…
मेरे घट ग्यान भानु भयो भोर.
मेरे घट ग्यान भानु भयो भोर
क्या सोवे उठ जाग बाउ रे
क्या सोवे उठ जाग बाउ रे,
अंजलि जल ज्युं आयु घटत है
देत पहोरिया घरिय घाउ रे…
क्या सोवे उठ जाग बाउ रे
प्रीतम माहरो रे
श्री ऋषभदेव जिन स्तवन
राग : मारु – ‘‘करम परीक्षा करण कुमार चाल्यो…’’ ए देशी
ऋषभ जिनेसर प्रीतम माहरो रे,
ओर न चाहुं रे कंत;
रीझ्यो साहिब संग न परिहरे रे,
भांगे सादि अनंत.
वीर जिनेश्वर चरणे लागुं
श्री महावीर जिन स्तवन
Continue reading “वीर जिनेश्वर चरणे लागुं” »
दुलह नारी तुं बडी बावरी
दुलह नारी तुं बडी बावरी
पिया जागे तुं सोवे
पिया चतुर हम निपट अग्यानी
न जानु क्या होवे?
न जानु क्या होवे?
अनुभव ! तुं है हितु हमारो
अनुभव ! तुं है हितु हमारो,
आय उपाय करो चतुराई, और को संग निवारो,
अनुभव ! तुं है हितु हमारो
अनुभव नाथ कुं क्युं न जगावे
अनुभव नाथ कुं क्युं न जगावे?
आतम अनुभव फूल की, नवली कोउ रीत;
नाक न पकरे वासना, कान गहे परतीत ॥
अनुभव नाथ कुं क्युं न जगावे?
ममता संग सो पाय अजागल-थनतें दूध दुहावे
अवधू! क्या सोवे तन मठमें
अवधू ! क्या सोवे तन मठमें?
जग आशा जंजीर की गति उलटी कुल मोर,
झकर्यो धावत जगतमें रहे छूटो इक ठोर ॥
अवधू ! क्या सोवे तन मठमें?
जाग विलोकन घटमें, Read the lyrics