गुरु भगवंत को विधिपूर्वक वन्दन करता हूँ… नमस्कार करता हूँ… सत्कार करता हूँ… सम्मान करता हूँ…
हे गुरुदेव ! आप ज्ञान, दर्शन और चारित्र के धारक हैं… आप कल्याणकारी हैं| आप मंगलकारी हैं…आप आनन्ददाता है|
ऐसे गुरुदेव की मैं मन से, वचन से और काया से सेवा करना चाहता हूँ|
जिसने मेरी हृदय गुफा में उजाला किया है… जिसने मेरे संकल्प को पौलादी बनाया है… जिसने मेरी चिन्ता को चिन्तन में बदला है… जिसने मेरी आत्मा को उर्ध्वगामी बनाया है… उनको मेरे कोटिशः वन्दन हे गुरुदेव!
आप महान् हैं| मुझे भी वह दृष्टि और शक्ति प्रदान कीजिए| जिससे मेरा कल्याण हो|
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jay gurudev