एगो मे सासओ अप्पा नाणदंसणसंजुओ
दुःख पाप से मिलता है| Continue reading “मेरा सिद्धान्त” »
दुःख पाप से मिलता है| Continue reading “मेरा सिद्धान्त” »
एक गॉंव में एक आदमी रहता था| उसे लोग डिट्टा कहकर बुलाते थे| वह कुछ भी पढ़ा लिखा नहीं था, इसलिए बेकार था| Continue reading “डिट्टा का भाग्य” »
गुरुजनों का प्रदेश… अर्थात गुर्जर देश… पिया के घर जाती हुई एक नयी नवेली दुल्हन ने… गरवी गुजरात के राष्ट्रसंत श्री रविशंकर महाराज से चरण स्पर्श कर आशिष मॉंगा…| Continue reading “पुष्प समान जीवन मिले” »
जन्म का प्रारम्भ तो सभी का एक जैसा होता है लेकिन अन्त एक जैसा नहीं होता| सुबह तो सभी की एक सी है पर शाम भिन्न-भिन्न है| Continue reading “जीवन का निर्माण” »