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गर्भ में आते हैं

गर्भ में आते हैं

माई पमाई पुण एइ गब्भं

मायावी और प्रमादी फिर से गर्भ में आते हैं

गर्भ में आने का अर्थ है – जन्म धारण करना और जन्म धारण करने का अर्थ है – एक दिन सब छोड़ कर मर जाना अर्थात् जन्म-मरण के चक्कर में पड़े रहना|

यह माया का दण्ड है – प्रमाद का परिणाम है; क्यों कि जो मायावी है और प्रमादी है, वह मुक्त नहीं हो सकता| वह संसार में फँसा ही रहता है|

माया और प्रमाद कर्म के उत्पादक हैं| माया माता है और प्रमाद पिता| दोनों से कर्मबन्ध का जन्म होता है| जो प्राणी संसार में परिभ्रमण से श्रान्त हो चुके हैं – थक गये हैं और इससे मुक्त होना चाहते हैं, उन्हें माया और प्रमाद का परित्याग करना चाहिये; क्यों कि मायावी और प्रमादी ही पुनः गर्भ में आते हैं|

- आचारांग सूत्र 1/3/1

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