1. जो जगह अधिक समय तक गीली रहती हो, वहॉं निगोद की उत्पत्ति होती है| बाथरुम भी यदि सारा दिन गीला रहे तो उसमें भी निगोद की उत्पत्ति होती है| इसलिये घर का कोई भी स्थान अधिक समय तक भीगा न रहे इसकी सावधानी रखें|
2. नीचे देखकर चलना, रास्ते में कहीं पर भी निगोद जमी हुई हो तो एक तरफ हटकर स्वच्छ सूखी जगह पर चलिए| काई पर चलने से अनंतकाय की हिंसा होती है, तथा कभी कभी पैर फिसलने से गिर भी सकते हैं, या चोट भी लग सकती है|
3. मकान के कम्पाऊंड में चलने के रास्ते पर निगोद उत्पन्न न हो, उस हेतु बारिश का मौसम शुरू होने के पहले ही निम्न उपाय कीजिए जैसे-
a. निगोद न हो ऐसी मिट्टी को बिछा देना|
b. निगोद न हो ऐसी फ्लोरिंग करा देना|
c. डामर (कोल-टार) का पट्टा लगा देना|
d. सफेद रंग (कलर) का पट्टा लगा देना|
4. एक बार यदि निगोद हो जाय तो उस पर मिट्टी नहीं लगानी चाहिए, न साफ करनी या न उखाड़नी चाहिए और न ही रंग या डामर का पट्टा लगाना चाहिए| स्वाभाविक तरीके से वह सूख न जाए, तब तक उस पर कुछ नहीं करना चाहिए|
5. लकडी के ऊपर रंग, वार्निश, पॉलिश करने से निगोद की उत्पत्ति नहीं होती|
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