नो हीलए नो वि य खिंसएज्जा
जीवन का ढंग यही है कि जो हमने पा लिया उसे पहचानें…उसे अपने अनुकूल बनाएं…उसमें रस लें…उसी में संतुष्ट हों…अपने जीवन की खटास को मिठास में बदल दें|
किसी भी चिथड़े का निरादर मत करो क्योंकि उसने भी किसी समय किसी की लाज रखी थी| जो चीज मेरे पास है…जो व्यक्ति मेरे साथ है…जो परिस्थिति मुझे प्राप्त है…उसका मैं आदर करूँ और उपयोग करूँ…उपस्थित को उपादेय मानने की चाबी मेरे पास हमेशा रहे…|
यह आलेख इस पुस्तक से लिया गया है
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