शुभानुबन्ध्यतः पुण्यं कर्त्तव्यं सर्वथा नरैः
उत्तम मां-बाप पुण्य से मिले हैं|
मानव का देह पुण्य से मिला है|
पांचो इन्द्रियां पुण्य से मिली हैं
उत्तम देव पुण्य से मिले हैं|
उत्तम गुरु पुण्य से मिले हैं|
उत्तम धर्म पुण्य से मिला है|
पवित्र बुद्धि पुण्य से मिली है|
अच्छा खाना-पीना पुण्य से मिला है|
रहने का घर पुण्य से मिला है|
अच्छे कपड़े, गहने पुण्य से मिले हैं|
अच्छे मित्र पुण्य से मिले हैं|
अच्छा पड़ौसी पुण्य से मिला है|
नीरोगी शरीर पुण्य से मिला है|
दीर्घ आयु पुण्य से मिली है|
अतः पुण्य के कार्य अधिक से अधिक करने चाहिये|
यह आलेख इस पुस्तक से लिया गया है
Puny bhi ek bedi hai; sone ki.
Shubh kary karate rahe, knyo ki shubh nahi hoga to manushy ashubh me pravrut hoga. Shubh kary bhi ni:swarth bhav se, ni:spruh hokar hoga to bahut hi achchha. Rag-dwesh se mukt hoga.
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