जिनेन्द्रपूजा गुरुपर्युपास्तिः
सत्वानुकम्पा शुभपात्रदानम्|
गुणानुरागः श्रुतिरागमस्य
नृजन्मवृक्षस्य फलान्यमूनि॥
पर्युषण के दिन यानी कि आत्माके लिए महोत्सव के दिन| इन दिनोमें विशिष्ट आराधना यानी कि आत्मा के लिए मिष्टान्न भोजन| लेकिन प्रसंग पर मिष्टान्न भोजन करनेवाला सामान्य से हररोज मिष्टान्न नहीं खाता, उसका मतलब उपवास नहीं करता… दाल, चावल, रोटी और सब्जी तो जीमता ही है|
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