भाव : नारी ने नारायणी बनावती हितशिक्षा
नाथ कहे तुं सुणने नारी, शिखामण छे सारी जी;
वचन ते सघळां वीणी लेशे, तेहना कारज सरशे, शाणी थइए ज.
…1
भाव : नारी ने नारायणी बनावती हितशिक्षा
नाथ कहे तुं सुणने नारी, शिखामण छे सारी जी;
वचन ते सघळां वीणी लेशे, तेहना कारज सरशे, शाणी थइए ज.