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दृढ संकल्प का चमत्कार

दृढ संकल्प का चमत्कार
आत्मा में अपार शक्ति और अतुल बल है| इसका विकास और उपयोग करना भी एक कला है| इसका साधन है इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प|

यदि आप विश्‍वविख्यात मानव, लोकप्रिय नेता, प्रकाण्ड विद्वान और श्रीमंत बनना चाहते हैं, तो अपनी इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प को ठोस बनाएं| वर्ष में आठ हजार, छ: सौ चालीस घण्टे होते हैं| यदि आप प्रतिदिन केवल पंद्रह मिनिट भी अपनी इच्छाशक्ति की और दृढ संकल्प का प्रयोग आरम्भ कर दें तो नि:संदेह अति अल्प समय में ही आपको अपूर्व आनंद और अनूठी सफलता प्राप्त होगी|

इच्छाशक्ति और दृढ संकल्प के बल से आप जितना काम और पाप का क्षय एक दिन और एक श्‍वास में कर सकते हैं, दूसरे व्यक्ति उसे अनेक भव, वर्ष, मास और सप्ताह में भी नहीं कर सकते हैं| हलवे का स्वाद जीभ से ही होता है, तर्क और बातों से नहीं|

जनता की प्रत्यक्ष करारी हार देख, श्रीपालकुंवर को जरा भी भय-संकोच नहीं हुआ| ओह ! जब कि इतने मानव मंदिर का द्वार न खोल सके तो भला मुझसे क्या होगा? मैं अकेला कर ही क्या सकूंगा ? मुझे भी उल्टे मुँह की खाकर वापस लौटना पड़ेगा|

हृदय में मुर्दे विचारों को स्थान देना भयंकर अपराध और कायरता है| कायर रोती सूरत स्त्री-पुरुष इस भूतल पर भारभूत हैं|

यह आलेख इस पुस्तक से लिया गया है
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1 Comment

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  1. दिलीप पारेख
    जून 23, 2015 #

    तेरी मुट्ठियो में बन्ध तूफान है रे, मनुष्य ! तू बड़ा महान है.

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