राग : धनाश्री
भाव : जगद्गुरु हीर सूरिजी म. सा. नुं जीवन वृत्तांत
श्री हीरसूरि गुरुराय,
हमारा हीरसूरि गुरुराय
प्रणमुं प्रभावक पाय,
हमारा हीरसूरि गुरुराय
…हमारा.१
लघु वये गुरू दीक्षा धारी,
निज घट ज्ञान प्रगटाय
…हमारा.२
जैन धर्म उद्योत करीने,
मिथ्या तिमिर मिटाय..
…हमारा.३
शासनस्थंभ थया सूरिराय,
बोधक अकबरराय.
…हमारा.४
छ मासी अमारी पळावी,
शातन्तचन्द्रने ठाय.
…हमारा.५
धन्य जितेन्द्रिय ए गुरूराया,
समभावी सुखदाय.
…हमारा.६
आत्म कमल विकाशक मुनिवर,
नमतां लब्धि पमाय.
…हमारा.७
यह आलेख इस पुस्तक से लिया गया है
No comments yet.
Leave a comment