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जयणा हमारी माता

जयणा हमारी माता
अष्टप्रवचन माता यदि साधु की माता है, तो जयणा श्रावक की माता है| जयणा याने जीवरक्षा के प्रति सावधानी|

हमारे चारों तरफ विशाल जीवसृष्टि बिखरी हुई है| आँगन में बिल्लीयॉं हैं तो, गलियों में कुत्ते फिरते हैं| रसोई घर में झिंगुर है तो, शयनकक्ष में खटमल हैं| बिलो में चूहे रहते हैं तो, कहीं चींटियों के दर हैं| बालों में जूं है, छत व दिवारों पर पक्षियों के घोंसले है तो कहीं मकड़ी के जाले हैं| फर्नीचर व दीवार पर दीमक फैली हुई है| चारों तरफ मच्छर उड़ रहे हैं| नल में से आ रहे पानी में असंख्य त्रस जीव हैं| अनाज मे लट वगैरह है, तो साग-सब्जी में भी कई जीव, लट वगैरह मिलते हैं|

बर्तनों में कंही कुंपुआ हैं| घर के आसपास चहकते या शोर करते कई पक्षी हैं| कभी छिपकली, गीरगीट या कानखजूरे जैसे जंतु घर में देखने को मिलते हैं| चातुर्मास की ऋतु में तो नित नये जीव-जन्तु दिखाई पड़ते हैं| उनमें केंचुयें व मेंढ़क प्रमुख हैं| कभी छोटे सॉंप के पिल्लु जैसे कीड़े, बिच्छु व सॉंप भी दिख जाते हैं|

सचित मिट्टी पृथ्वीकाय है, कच्चे पानी में अप्काय के जीव हैं| अग्नि-वायु-वनस्पति में भी जीव हैं| खाद्य पदार्थों के ऊपर व फर्नीचर वगैरह में उत्पन्न फूलन, मकान के आहाते में फैली लील (काई) में भी अनंतकाय जीव हैं|

बैठते-उठते, चलते-ङ्गिरते, खाते-पीते, सोते-बोलते, लेते-रखते, खिड़की-दरवाजे खोलते बंद करते या साफ-सफाई करते हुए अपनी लापरवाही में एक दो से लेकर अनंत जीवों की हिंसा होने की संभावना रहती है| हमारी थोड़ी सी सावधानी ऐसे अनेक जीवों के प्राण बचा सकती है और हमें हिंसा के पापों से बचा सकती है|

पाप से रक्षा यानि भविष्य के दुःखों से रक्षा| इस प्रकार पाप और दुःखों से अपनी रक्षा करनेवाली जयणा हमारी मॉं ही है न ?

यह आलेख इस पुस्तक से लिया गया है
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2 Comments

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  1. Toral shah
    जुल॰ 21, 2016 #

    What to do if there are bed bugs in our house. We have to spray Medicine to kill them otherwise they spread in the whole house. Then we get attached with so much papa?? But there is no other way so what to do. Same with mosquitoes. What to do to get rid of them without getting paap karma.

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