post icon

64 कला

64 कला
व्यवहारिक ४४ कलाएँ -

1. ध्यान, प्राणायाम, आसन आदि की विधि
2. हाथी, घोड़ा, रथ आदि चलाना
3. मिट्टी और कांच के बर्तनों को साफ रखना
4. लकड़ी के सामान पर रंग-रोगन सफाई करना
5. धातु के बर्तनों को साफ करना और उन पर पालिश करना
6. चित्र बनाना
7. तालाब, बावड़ी, कमान आदि बनाना
8. घड़ी, बाजों और दूसरी मशीनों को सुधारना
9. वस्त्र रंगना
10. न्याय, काव्य, ज्योतिष, व्याकरण सीखना
11. नांव, रथ, आदि बनाना
12. प्रसव विज्ञान
13. कपड़ा बुनना, सूत कांतना, धुनना
14. रत्नों की परीक्षा करना
15. वाद-विवाद, शास्त्रार्थ करना
16. रत्न एवं धातुएं बनाना
17. आभूषणों पर पालिश करना
18. चमड़े की मृदंग, ढोल नगारे, वीणा वगैरेह तैयार करना
19. वाणिज्य
20. दूध दुहना
21. घी, मरूवन तपाना,
22. कपड़े सीना
23. तरना
24. घर को सुव्यवस्थित रखना
25. कपड़े धोना
26. केश-श्रृंगार
27. मृदु भाषण वाक्पटुता
28. बांस के टोकने, पंखे, चटाई आदि बनाना
29. कांच के बर्तन बनाना
30. बाग बगीचे लगाना, वृक्षारोपण, जल सिंचन करना
31. शस्त्रादि निर्माण
32. गादी गोदड़े-तकिये बनाना
33. तैल निकालना
34. वृक्ष पर चढ़ना
35. बच्चों का पालन पोषण करना
36. खेती करना
37. अपराधी को उचित दंड देना
38. भांति भांति के अक्षर लिखना
39. पान सुपारी बनाना और खाना
40. प्रत्येक काम सोच समझकर करना
41. समयज्ञ बनना
42. रंगे हुए चांवलों से मंडल मांडना
43. सुगन्धित इत्र, तैल-धूपादि बनाना
44. हस्त कौशल-जादू के खेल से मनोरंजन करना

संगीत की ७ कलाएं :
1. नृत्य
2. वादन
3. श्रृंगार
4. आभूषण,
5. हास्यादि हाव-भाव
6. शय्या-सजाना
7. शतरंज आदि कौतुकी क्रीड़ा करना

आयुर्वेदशास्त्र की ८ कलाएं :
1. आसव, सिर्का, आचार, चटनी, मुरब्बे बनाना
2. कांटा-सूई आदि शरीर में से निकालना, आंख का कचरा कंकर निकालना,
3. पाचक चूर्ण बनाना
4. औषधि के पौधे लगाना
5. पाक बनाना
6. धातु, विष, उपविष के गुण दोष जानना
7. भभके से अर्क खीचना
8. रसायन-भस्मादि बनाना

धनुर्वेद सम्बन्धी ५ कलाएं :
1. लड़ाई लड़ना
2. कुश्ती लड़ना
3. निशाना लगाना
4. व्यूह प्रवेश-निर्गमन एवं रचना
5. हाथी, घोड़े, मेंढे सांड, लड़ाना

यह आलेख इस पुस्तक से लिया गया है
Did you like it? Share the knowledge:

Advertisement

No comments yet.

Leave a comment

Leave a Reply

Connect with Facebook

OR