प्रत्येक प्रकार की अग्नि में एकेंद्रिय जीव होते हैं, उन्हें अग्निकाय कहते हैं| विद्युत भी अग्निकाय है| अग्नि के एक तिनके में असंख्य अग्निकाय जीव होते हैं|
बिजली (इलेक्ट्रीसिटी) में सावधानी…
बिजली उत्पन्न करने में कितनी हिंसा होती है, उस पर नजर करें :-
1. नदी पर बॉंध बॉंधकर बहुत ऊंचाई से पानी नीचे टरबाइन पर गिराया जाता है, जिसमें मछलियॉं आदि जलचर जीव पानी के साथ टरबाइन पर लगे पंखे पर गिरते हैं और कट कर मर जाते हैं| हर पन्द्रह दिन में तो जीवों के खून से वह पानी लाल हो जाता है व पंखों आदि में इतने जीव अटक जाते हैं कि उसे खोलकर साफ करना पड़ता है| इस प्रकार अपकाय जीवों के साथ अन्य जीवों की भी हिंसा होती है|
2. थर्मल पावर स्टेशन :- इसमें कोयले को जलाकर बिजली पैदा की जाती है| इस प्रक्रिया द्वारा वातावरण में सल्फर डायोक्साइड एवं नाईट्रोजन ऑक्साइड़ फैलती है, जो प्रदूषण फैलाती है| गर्मी बढ़ाती है| ओझोन की पर्त में छेद पड़ते हैं| जिससे रोग फैलते हैं|
3. अणु विद्युत केन्द्र :- अणु के विभाजन से बिजली प्राप्त की जाती है| इसमें उपयोग किया जानेवाला प्लुटोनियम इतना खतरनाक होता है कि मात्र एक रतल जितना यदि वातावरण में फैल जाये तो पूरी दुनिया के लोगों को केंसर हो सकता है| इसी प्लुटोनियम में से ही अणुबम बनाया जाता है| अणु विद्युत केन्द्र में पैदा हुआ कचरा लाखों वर्ष बाद भी जीवसृष्टि का विनाश कर सके इतना ज़हरीला होता है|
कई बार शॉर्ट सर्किट से आग लगने से जान-माल की हानि होती है| शॉक लगने से प्रतिदिन कई लोगों की मृत्यु होती है तथा अग्नि गरम रहने से जहॉं अग्नि है वहॉं अन्य स्थावरकाय या त्रसकाय जीवों की विराधना भी शक्य है|
अग्निकाय जीवों की जयणा के लिए नीचे लिखे उपाय ध्यान में रखें :-
1. बिजली-पंखे इ. का कम से कम उपयोग करें| जरूरी न हो तब लाईट-पंखे तुरंत बंद कर दें|
2. रात को संभव हो उतना जल्दी सो जाने की आदत बनायें| आरोग्य के लिए भी यह हितकर है, जिससे लाइट का उपयोग कम हो|
3. इलेक्ट्रिक साधनों का कम से कम उपयोग करें| परंपरागत कम विराधनावाले साधन या पद्धति से ही सभी प्रवृत्ति करने का आग्रह रखें| आधुनिक जीवनशैली में बिजली के साधनों का बेहद उपयोग होता है, जो अनुचित है|
4. घर में कचरा निकालने के लिए वैक्यु क्लीनर (विद्युत झाडु) का उपयोग बिलकुल न करें| उसमें त्रस जीवों की बहुत हिंसा होती है| कभी कभी तो उसमें कॉक्रोच, छिपकली, चूहे जैसे बड़े जीव भी खींचे जाते हैं व मर जाते हैं|
5. दरवाजा खुलवाने के लिए बाहर से दरवाजे पर हाथों से दस्तक देने की पद्धति निर्दोष है| कॉल- बेल का उपयोग टालें|
6. दिवाली आदि त्यौहार में या अन्य प्रसंगों पर फटाके न फोड़ें | उसमें अग्निकाय के अलावा त्रस जीवों की भी बड़ी विराधना होती है|
7. बिना जरूरत के गैस का चूल्हा जलता न रहे इसका ध्यान रखें|
8. बल्ब या अन्य रोशनी के साधन से आकर्षित होकर बहुत जीव-जंतु आते हैं, अतः शक्य हो उतना बिजली का उपयोग टालें| शाम को बिजली जलाने के पहले खिड़की-दरवाजे बंद कर दें|
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