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पानी के त्रस जीवों की रक्षा करो

पानी के त्रस जीवों की रक्षा करो
निम्नलिखित विशेष सावधानियॉं बरतें :-

1. हर कार्य में पानी का छानकर ही उपयोग करें|

2. पानी छानने के बाद गलने को वैसे ही न सूखाएँ, लेकिन छाने हुये पानी को खूब धीरे से गलने पर डाले तथा उस पानी को उसके मूल स्थान पर बहा दें| फिर गलने को सूखा दें|

3. घर से निकलते समय छाने हुए पानी की वॉटरबॅग साथ लें, जिससे कहीं भी बिना छाना पानी पीना न पड़े|

4. गीज़र का उपयोग बंद करें|

5. स्विमिंग पुल में तैरना, वॉटर पार्क में पानी में उछलने-कूदने (मौज-मस्ती) का शौक छोड़ दें|

6. बारिश में संभव हो तो बाहर निकलना टाल दें, जाना पड़े तो सावधानी पूर्वक चलें|

7. कपड़े धोने के लिए धोबी को या लॉन्ड्री में मत दीजिये|

8. शॉवर बाथ का उपयोग मत कीजिये|

9. शौचालय के फ्लश में भी बहुत अनछाना पानी बह जाता है| जरूरी पानी (छना हुआ) बालटी से भरकर डालें|

10. पानी के बर्तन ढककर रखें|

11. होटल में, बाजारु खाद्य पदार्थो में, ठंडे पेयों में आदि में अनछना पानी होने से इन पदार्थों का त्याग करें|

12. वॉटर कुलर का पानी न पीयें|

13. बिस्लेरी आदि तथाकथित मिनरल वॉटर का त्याग करें| मिनरल वॉटर का पानी अनछना रहता है| त्रस जीवों की हिंसा होती है|

यह आलेख इस पुस्तक से लिया गया है
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