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अप्काय को पहचानो

अप्काय को पहचानो
कच्चे पानी की प्रत्येक बूंद में असंख्य अप्काय एकेन्द्रिय जीव रहते हैं| इसलिए पानी का फालतू, जरूरत से ज्यादा व निरर्थक उपयोग तो करना ही नहीं चाहिए|

पानी की एक बूंद में असंख्य जीव होते हैं| अत्यंत सूक्ष्म शरीरवाले होने से एक बूंद में कई जीव समा जाते हैं| कहते हैं कि एक बूंद में रहे हुए जीवों को यदि कद में कबूतर जितना बड़ा बनाया जाए तो वे समस्त जंबुद्विप में भी नहीं समा सकते|

बिना छाने हुए (अनगल) पानी में कई त्रस जीव भी होते हैं| पानी के पडे रहने से गंदगी होती है तथा मच्छर आदि पैदा होते हैं| पानी यदि एक ही जगह पर ज्यादा पड़ा रहे तो लील (सेवाल) जम जाती है| झूठे पानी को यदि दो घड़ी याने ४८ मिनिट से ज्यादा रखें तो उसमें सूंर्च्छि जीव उत्पन्न हो जाते हैं| रास्ते में/जमीन पर पानी गिराने से कोई जीव फिसल जाते हैं व मर भी जाते हैं| पानी को खुल्ला रखने से उड़ते जीव-जंतु उसमें गिरकर डूब जाते हैं|

समुद्र के किनारे जो उछलती लहरों का आनंद लेते हैं तथा वहॉं खड़े रहने के शौकीनों को पूरे समुद्र के पानी के उपभोग की अनुोदना का पाप लगता है| साबुन अप्काय जीवों के लिए शस्त्र समान है|

यह आलेख इस पुस्तक से लिया गया है
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