नमो लोए सव्वसाहूणं
वे बहुत उपकारी हैं, ऐसा मानकर उन पर श्रद्धा रखो| उनको उत्तम भोजन-पानी-वस्त्र-पात्र से भक्ति करो| उनकी निन्दा या अवज्ञा कभी मत करो| उनके दोष मत देखो| उनका चित्त प्रसन्न रखो|
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वे बहुत उपकारी हैं, ऐसा मानकर उन पर श्रद्धा रखो| उनको उत्तम भोजन-पानी-वस्त्र-पात्र से भक्ति करो| उनकी निन्दा या अवज्ञा कभी मत करो| उनके दोष मत देखो| उनका चित्त प्रसन्न रखो|
यह वंदन भक्ति है. वंदन करनेसे मान कम होता है, नम्रता आती है. उनकी कृपा होती है. // ॐ //