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साधु-संतों का विनय करो

साधु संतों का विनय करो

नमो लोए सव्वसाहूणं
साधु-संतों को देखते ही हाथ जोड़कर नमस्कार करो| उनकी त्याग वैराग्यमयी पवित्र वाणी सुनो| उनके गुणों की प्रशंसा और स्तुति करो|

वे बहुत उपकारी हैं, ऐसा मानकर उन पर श्रद्धा रखो| उनको उत्तम भोजन-पानी-वस्त्र-पात्र से भक्ति करो| उनकी निन्दा या अवज्ञा कभी मत करो| उनके दोष मत देखो| उनका चित्त प्रसन्न रखो|

यह आलेख इस पुस्तक से लिया गया है
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1 Comment

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  1. Dilip Parekh
    नव॰ 3, 2016 #

    यह वंदन भक्ति है. वंदन करनेसे मान कम होता है, नम्रता आती है. उनकी कृपा होती है. // ॐ //

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