मेरे घट ग्यान भानु भयो भोर
मेरे घट ग्यान भानु भयो
भोर चेतन चकवा चेतना चकवी,
भागो विरह को सोर…
मेरे घट ग्यान भानु भयो भोर.
…१
फैली चिहुं दिशि चतुर भावरुचि
मिट्यो भरम तम जोर,
आप की चोरी आप ही
जानत और कहत न चोर,
मेरे घट ग्यान भानु भयो भोर.
…२
अमल कमल विकच भये
भूतल मंद विषय शशि कोर,
आनंदघन इक वल्लभ
लागत और न लाख करोर,
मेरे घट ग्यान भानु भयो भोर.
…३
यह आलेख इस पुस्तक से लिया गया है
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