परोपकाराय सतां विभूतयः
इसके लिए हम इतने पुण्यशाली बनें कि जो मेरे पास है वह मैं दूसरों को उदारता से दूँ| सृष्टि का एक नियम है जो दिया जाता है वही लौटता है जो हम दे सकते हैं उसे ईानदारी से देते रहना चाहिए|
जीवन में जिसने बॉंटा उसी ने पाया और जिसने संभाला उसी ने गँवाया अतः जब देना ही है तो शत्रु हो या मित्र सभी को समान रूप से दो| कितना भी दे दोगे तो भी खजाने में कुछ कमी नहीं आएगी|
यह आलेख इस पुस्तक से लिया गया है
Dharm kiye dhan na ghate…