श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिन स्तवन
मुनिसुव्रत जिनराय,
एक मुज विनती निसुणोज़
आतमतत्त्व क्युं जाणुं जगद्गुरु,
एह विचार मुज कहीयो;
आतमतत्त्व जाण्या विण निरमल,
चित्तसमाधि नवि लहियो
…कुं.१
श्री मुनिसुव्रत स्वामी जिन स्तवन
मुनिसुव्रत जिनराय,
एक मुज विनती निसुणोज़
आतमतत्त्व क्युं जाणुं जगद्गुरु,
एह विचार मुज कहीयो;
आतमतत्त्व जाण्या विण निरमल,
चित्तसमाधि नवि लहियो