1 0 Tag Archives: प्रवचन
post icon

अनुभव नाथ कुं क्युं न जगावे

Listen to अनुभव नाथ कुं क्युं न जगावे

अनुभव नाथ कुं क्युं न जगावे?
आतम अनुभव फूल की, नवली कोउ रीत;
नाक न पकरे वासना, कान गहे परतीत ॥
अनुभव नाथ कुं क्युं न जगावे?
ममता संग सो पाय अजागल-थनतें दूध दुहावे

…१

Continue reading “अनुभव नाथ कुं क्युं न जगावे” »

Leave a Comment
post icon

अवधू! क्या सोवे तन मठमें

Listen to अवधू! क्या सोवे तन मठमें

अवधू ! क्या सोवे तन मठमें?
जग आशा जंजीर की गति उलटी कुल मोर,
झकर्यो धावत जगतमें रहे छूटो इक ठोर ॥
अवधू ! क्या सोवे तन मठमें?
जाग विलोकन घटमें, Read the lyrics

Leave a Comment
post icon

देखो एक अपूरव खेला

Listen to देखो एक अपूरव खेला

देखो एक अपूरव खेला,
आपही बाजी आपही बाजीगर
आप गुरु आप चेले

…देखो.१

Read the lyrics

Leave a Comment
post icon

साधो भाई ! समता रंग रमीजे

Listen to साधो भाई ! समता रंग रमीजे

साधो भाई ! समता रंग रमीजे,
अवधू ! ममता संग न कीजे,
साधो भाई ! समता रंग रमीजे.
संपत्ति नाहि नाहि ममता में रमता राम समेटे,
खाट पाट तजी लाख खटाउ अंत खाख में लेटे.

…साधो.1

Read the lyrics

Leave a Comment
post icon

मेरी तुं मेरी तुं कांही डरेर

Listen to मेरी तुं मेरी तुं कांही डरेर

मेरी तुं मेरी तुं कांही डरेर, मेर
कहे चेतन समता सुनि आखर, और दैढ दिन जूठ लरेरी.

…मेरी.१

Read the lyrics

Leave a Comment
post icon

मेरे प्रान आनन्दघन

Listen to मेरे प्रान आनन्दघन

मेरे प्रान आनन्दघन तान आनन्दघन ॥ ए आंकणी॥
मात आनन्दघन, तात आनन्दघन
गात आनन्दघन, जात आनन्दघन

…मेरे.१

Read the lyrics

Leave a Comment
post icon

तेरी हुं तेरी हुं कहुं री

Listen to तेरी हुं तेरी हुं कहुं री

तेरी हुं तेरी हुं कहुं री,
इन बातमें दगो तुं जाने
तो करवत काशी जाय ग्रहुं री.

…तेरी.१

Read the lyrics

Leave a Comment
Page 2 of 212