जे एगं नाम से बहुं नामे
जो एक अपने को नमा लेता है; वह बहुतों को नमा लेता है
जो एक अपने को नमा लेता है; वह बहुतों को नमा लेता है
अध्ययन किये गये वेद रक्षा नहीं कर सकते
तपश्चरण तलवार की धार पर चलने के समान दुष्कर है
सुव्रती व्यक्ति कम खाये, कम पीये और कम बोले
लोभ सब कुछ नष्ट कर देता है
जो खा-पीकर आराम से सोता है, वह पापश्रमण कहलाता है
असंवृत मनुष्य मोहित हो जाते हैं
वही वीर प्रशंसनीय बनता है, जो बद्ध को प्रतिमुक्त करता है
आत्मा ही सुख दुःख का कर्त्ता और भोक्ता है
हम अच्छे कार्य करते हैं; तो अपने लिए सुख का निर्माण करते हैं और यदि बुरे कार्य करते हैं; तो दुःख का निर्माण करते हैं| इस प्रकार हम स्वयं ही सुख-दुःख के निर्माता हैं, बनाने वाले हैं| Continue reading “कर्त्ता – भोक्ता” »
आतंकदर्शी पाप नहीं करता