बासी खाद्य पदार्थ आदि पर सफेद रंग की फुग दिखाई देती है| यह खास करके बारिश में विशेष होती है| मिठाई, खाखरा, पापड, वडी, अन्य खाद्य पदार्थ, दवाई की गोलियॉं, साबुन पर, चमड़े के पाकिट-पट्टे पर, पुस्तक के पुठ्ठे पर तथा अन्य वस्तु पर नमी के कारण रातोरात सफेद फुग जम जाती है| Continue reading “फफूंदी/फूलन को पहचानो” »
फफूंदी/फूलन को पहचानो
सद्गुरु की शरण
अप्काय की रक्षा करें
निम्नलिखित विशेष सावधानियॉं बरतें :-
1. पानी का उपयोग कम से कम कीजिए, उसका घी के समान संभल-संभल कर उपयोग कीजिए|
2. स्नान, कपड़े धोने में, बाथरूम में, शौचालय में भी पानी को छानकर उपयोग में लाएँ|
3. नल को अनावश्यक खुला न छोडें|
Continue reading “अप्काय की रक्षा करें” »
निगोद की रक्षा करें
1. जो जगह अधिक समय तक गीली रहती हो, वहॉं निगोद की उत्पत्ति होती है| बाथरुम भी यदि सारा दिन गीला रहे तो उसमें भी निगोद की उत्पत्ति होती है| इसलिये घर का कोई भी स्थान अधिक समय तक भीगा न रहे इसकी सावधानी रखें| Continue reading “निगोद की रक्षा करें” »
विवाद का मूल
अपना दोष देखना अच्छा है और दूसरों के गुण देखना अच्छा है; किन्तु लोग इससे उल्टी बात करते हैं| वे अपने तो गुण ही गुण देखते हैं और दूसरों के दोष देखते हैं| इस प्रकार अपने गुणों पर नजर रखकर वे अभिमानी बन जाते हैं और दूसरों के दोषों पर नजर रखकर वे उनसे घृणा करने लगते हैं| Continue reading “विवाद का मूल” »
ब्रह्मचर्य : वैज्ञानिक विश्लेषण
ब्रह्मचर्य यौन विचारों और इच्छाओं से पूर्ण स्वतंत्रता है| यह विचार, वचन और कर्म तथा सभी इंद्रियों का नियंत्रण है| सख्त संयम सिर्फ संभोग से नहीं बल्कि कामुक अभिव्यक्तियों से, हस्तमैथुन से, समलैंगिक कृत्यों से और सभी विकृत यौन व्यवहारों से होना चाहिए|
Continue reading “ब्रह्मचर्य : वैज्ञानिक विश्लेषण” »
कलावती की कलाईयों का छेदन किया गया
कलावती रानी पूर्वभवमें तोते के दोनों पंख को काटकर खुश हई थी, उसकी आलोचना नहीं ली| उसके बाद क्रम से तोते का जीव राजा बना, उसकी रानी कलावती बनी| एक दिन अचानक रानी के हाथ में कंकण (हाथ के आभूषण) पहने हुए देखकर दासीने पूछा कि, ‘‘ये कहॉं से आये?’’ रानी ने जवाब दिया, ‘‘जो हमेशा मेरे मनमें रहता है और जिसके मन में सदा मैं रहती हूं, रात-दिन जिसे मैं भूला नहीं पाती, जिसको देखने से मेरे हर्ष का कोई पार नहीं होता, उसने ये भेजे हैं|’’ Continue reading “कलावती की कलाईयों का छेदन किया गया” »
सच्चा साधक
हमेशा दूसरों की अच्छाइयॉं देखो