चत्तारि सुता-अतिजाते,
अणुजाते, अवजाते, कुलिंगाले
अणुजाते, अवजाते, कुलिंगाले
पुत्र चार प्रकार के होते हैं – अतिजात, अनुजात, अवजात और कुलांगार
पुत्र चार प्रकार के होते हैं – अतिजात, अनुजात, अवजात और कुलांगार
कुशल पुरुष न बद्ध होता है, न मुक्त
खाने-पीने की मात्रा के ज्ञाता बनो
हँसते हुए नहीं बोलना चाहिये
मोहग्रस्त व्यक्ति न इस पार रहते हैं, न उस पार
यह जीव अनेक बार उच्च गोत्रमें और अनेक बार नीच गोत्र में जन्म ले चुका है; परन्तु इससे न कोई हीन होता है, न महान|
गुणोंके अभाव में मोक्ष नहीं होता और मोक्षके अभाव में निर्वाण नहीं होता
बहुत अधिक न बोले
विषलिप्त कॉंटे की तरह जानकर ब्रह्मचारी स्त्री का त्याग करे
वृद्ध होने पर व्यक्ति न हास-परिहास के योग्य रहता है, न क्रीड़ा के, न रति के और न शृंगार के ही