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साधर्मिक भक्ति – साल का दूसरा कर्तव्य

साधर्मिक भक्ति   साल का दूसरा कर्तव्य
प्रभु के शासन में साधर्मिक के प्रति सद्भावका इतना महत्व है कि यह एक ही कर्तव्यको पर्युषणके पॉंच कर्तव्यों में और वार्षिक ग्यारह कर्तव्यों में यानी कि दोनोंमें स्थान प्राप्त हुआ है| श्री संभवनाथ भगवानने पूर्वके तृतीय भवमें साधर्मिक भक्ति करके तीर्थंकर बनने की भूमिका को प्राप्त की थी| Continue reading “साधर्मिक भक्ति – साल का दूसरा कर्तव्य” »

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अखरोट का पौधा

अखरोट का पौधा

परोपकारः पुण्याय
फारस में एक बादशाह बड़ा ही न्याय प्रिय था| वह अपनी प्रजा के दुख-दर्द में बराबर काम आता था| प्रजा भी उसका बहुत आदर करती थी| एक दिन बादशाह जंगल में शिकार खेलने जा रहा था, रास्ते में देखता है कि एक वृद्ध एक छोटा सा पौधा रोप रहा है| Continue reading “अखरोट का पौधा” »

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बोलने की विधि

बोलने की विधि

नापुट्ठो वागरे किं चि,
पुट्ठो, वा नालियं वए

बिना पूछे कुछ भी नहीं बोलना चाहिये और पूछे जाने पर भी असत्य नहीं बोलना चाहिये

अभिमान ही ज्ञान का अजीर्ण है| जिन्हें ज्ञान के साथ अभिमान भी होता है, समझना चाहिये कि उनको अभी ज्ञान पचा नहीं है| Continue reading “बोलने की विधि” »

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महाराज कुमारपाल

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ज्ञान और सदाचार

ज्ञान और सदाचार

न संतसंति मरणंते,
सीलवंता बहुस्सुया

ज्ञानी और सदाचारी मृत्युपर्यन्त त्रस्त (भयाक्रान्त) नहीं होते

दुःख भूल का परिणाम है | भूल क्यों होती है? अज्ञान से| कैसे होती है? दुराचार से| Continue reading “ज्ञान और सदाचार” »

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शाश्‍वतसुख के स्वामी

शाश्‍वतसुख के स्वामी
हे विश्‍वेश्‍वर!
हे परमात्मा !
हे देवाधिदेव !
हे त्रिलोकनाथ !
हे विश्‍वकल्याणकर्ता विश्‍वोद्धारक! Continue reading “शाश्‍वतसुख के स्वामी” »

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तेउकाय की जयणा

तेउकाय की जयणा
प्रत्येक प्रकार की अग्नि में एकेंद्रिय जीव होते हैं, उन्हें अग्निकाय कहते हैं| विद्युत भी अग्निकाय है| अग्नि के एक तिनके में असंख्य अग्निकाय जीव होते हैं| Continue reading “तेउकाय की जयणा” »

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मोह से तेरा कमाया

Listen to मोह से तेरा कमाया

राग : एशके सामान सब एक दिन यहां रह जायेंगे
भाव : दुन्यवी चीजनी नश्‍वरता, आवता जन्मनी चिंता

मोहनो त्याग ने धर्मनो राग
मोह से तेरा कमाया, धन यहां रह जायगा;
प्रेमसे अति पुष्ट कीया, तन जलाया जायगा.
प्रभुभजनकी भावना बीन, परलोकमें क्या पायेगा
कुच्छ कमाइ यहां न कीनी, खाली हाथे जायेगा.

…मोहसे.१

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Motivational Wallpaper #31

जो कार्य तुम आज कर सकते हो
उसे कल पर कदापि मत छोडो

Standard Screen Widescreen Mobile
800×600 1280×720 iPhone
1024×768 1280×800 iPad-Vertical
1400×1050 1440×900
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Quote #18

For an understanding of any of the philosophies to be described, it is important to realize that they are religious in essence. Their aim is the direct mystical experience of reality and since this experience is religious by nature, they are inseparable from religion.
Fritjof Capra
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