1 0
post icon

दुलह नारी तुं बडी बावरी

Listen to दुलह नारी तुं बडी बावरी

दुलह नारी तुं बडी बावरी
पिया जागे तुं सोवे
पिया चतुर हम निपट अग्यानी
न जानु क्या होवे?
न जानु क्या होवे?

…दुलह.१

Read the lyrics

Leave a Comment
post icon

प्रायश्‍चित देने वाले गुरु कौन होते हैं?

प्रायश्‍चित देने वाले गुरु कौन होते हैं?
आलोचना का प्रायश्चित देने वाले गुरु पांच व्यवहारों के जानकार होते हैं|

आगम व्यवहारी :- अर्थात् केवलज्ञानी, मनःपर्यवज्ञानी, अवधिज्ञानी, १४, १०, ९ पूर्वी हो, उनके पास प्रायश्‍चित लेना चाहिए| Continue reading “प्रायश्‍चित देने वाले गुरु कौन होते हैं?” »

Leave a Comment
post icon

Stop exploitation of all kind

Sorry, this article is only available in English. Please, check back soon. Alternatively you can subscribe at the bottom of the page to recieve updates whenever we add a hindi version of this article.

Leave a Comment
post icon

दुर्लभ श्रद्धा

दुर्लभ श्रद्धा

श्रद्धा परमदुल्लहा

श्रद्धा अत्यन्त दुर्लभ है

धर्म पर श्रद्धा हो तो मनुष्य स्वार्थ का विचार किये बिना भी अपने कर्तव्य पर आरूढ़ हो सकता है| परन्तु यह श्रद्धा हो कैसे ? उसका आचार क्या हो ? Continue reading “दुर्लभ श्रद्धा” »

Leave a Comment
post icon

एक ही गाथा से

एक ही गाथा से

सित्थेण दोणपागं, कविं च एक्काए गाहाए

एक कण से द्रोण-भर पाक की और एक गाथा से कवि की परीक्षा हो जाती है

वस्तु की परीक्षा उसके एक अंश को देखकर भी की जा सकती है| एक चावल को दबा कर यह जाना जा सकता है कि हँडिया भर चावल पके हैं या नहीं| इस जॉंच के लिए सब चावलों को दबाना आवश्यक नहीं है| Continue reading “एक ही गाथा से” »

Leave a Comment
post icon

श्री गणधर भगवान की देशना

 श्री गणधर भगवान की देशना

वित्तेन ताणं न लभे पमत्ते,
इमम्मि अदुवा परत्था|

प्रिय महानुभावो !

आलसी और स्वार्थी मनुष्य केवल धन से अपना संरक्षण नहीं कर सकते हैं| उन्हें न यहां शांति मिलती है, न परलोक में|

मानव सुख की खोज करने चला है, पर मार्ग में भटक गया है| उसे अपने लक्ष्य का पता है, पर राह भूल गया है| मानव ने सुख देखा है पैसे में, उसके श्रम का केन्द्र हो गया है पैसा| आज मनुष्य पैसे के लिए अपनी मानवता बेंच रहा है|
भाई, भाई का नहीं, मॉं बेटी की नहीं, पिता पुत्र का नहीं, पति पत्नी का नहीं, मालिक मजदूर का नहीं, सेठ मुनिम के आपस में लड़ाई झगड़े, मन मुटाव का कारण है पैसा| कई क्रोधी निर्दयी मनुष्य मानवता को भूल एक दूसरे के प्राण तक ले लेते हैं| आज मानव को पैसे से जितना मोह है उतना मानव से नहीं| उसके दिल में प्रेम नहीं, पैसा है| क्योंकि उसने अपने सुख की खोज पैसे में की है| Continue reading “श्री गणधर भगवान की देशना” »

Leave a Comment
post icon

Wallpaper #6

Live with Modesty

Standard Screen Widescreen
1024×768 1440×900
1600×1200 1920×1080

 

Leave a Comment
post icon

दृढ संकल्प का चमत्कार

दृढ संकल्प का चमत्कार
आत्मा में अपार शक्ति और अतुल बल है| इसका विकास और उपयोग करना भी एक कला है| इसका साधन है इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प|

यदि आप विश्‍वविख्यात मानव, लोकप्रिय नेता, प्रकाण्ड विद्वान और श्रीमंत बनना चाहते हैं, तो अपनी इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प को ठोस बनाएं| वर्ष में आठ हजार, छ: सौ चालीस घण्टे होते हैं| Continue reading “दृढ संकल्प का चमत्कार” »

Leave a Comment
post icon

धर्मोपदेश – भाग 1

Sorry, this article is only available in English. Please, check back soon. Alternatively you can subscribe at the bottom of the page to recieve updates whenever we add a hindi version of this article.

Leave a Comment
post icon

Flying kites is dangerous

Sorry, this article is only available in English. Please, check back soon. Alternatively you can subscribe at the bottom of the page to recieve updates whenever we add a hindi version of this article.

Leave a Comment
Page 18 of 67« First...10...1617181920...304050...Last »