I’m not a body with a soul. I’m soul with a visible part called body.Unknown
Quote #3
शील सुरंगीरे सुलसा महासती
राग : अरणीक मुनिवर चाल्या गोचरी
भाव : सुलसा महासतीना समकित-समता शील नी सुगंध
शील सुरंगीरे सुलसा महासती,
वर समकित गुण धारीजी;
राजगृही पूरे नाग रथिक तणी,
सुलसा नामे नारीजी.
यात्रात्रिक – साल का तीसरा कर्तव्य
अट्ठाई महोत्सव
देवताएँ प्रभुके जन्मादि कल्याणकों के उत्सव को मनाने के बाद छलकते प्रमोद-हर्षको सार्थक करने के लिए नंदीश्वर द्वीपमें जाकर अट्ठाई महोत्सव करते हैं| भगवानने बताई हुई पर्युषणआदि आराधना निर्विघ्न रूपसे बहुत ही उल्लास सभर संपन्न हुई| ससे उद्भवित हर्षको पूर्ण करने हेतु स्वयं या तो समस्त संघ इकट्ठा होकर अट्ठाई महोत्सव करता है| Continue reading “यात्रात्रिक – साल का तीसरा कर्तव्य” »
आनंद की साधना
अनन्त इच्छा
इच्छा आकाश के समान अनन्त होती है
इसलिए कि हम कुछ चाहते हैं|
इसका अर्थ?
अर्थ यही कि इच्छा स्वयं दुःख है! Continue reading “अनन्त इच्छा” »
हो अविनाशी
श्री पद्मप्रभु जिन स्तवन
राग : सुण चंदाजी…
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श्री शांतिनाथ की चरण पादुकाएँ
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Motivational Wallpaper #20
प्रसव विज्ञान
स्त्री को साहित्य, विज्ञान और दर्शन जानने की उतनी आवश्यकता नहीं है, जितनी कि उसे सु-माता बनने की रीति जानने की| जिस जाति में सुमाताओं की संख्या अधिक है, वह जाति उतनी ही उत्तम और श्रेष्ठ है| मानव जीवन के निर्माण में माता का विशेष हाथ रहता है| मॉं का पुत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है| यह जानना हो तो प्रसिद्ध महापुरुषों के जीवन चरित्र पढ़िये| Continue reading “प्रसव विज्ञान” »