श्री श्रेयांश्नाथ जिन स्तवन
राग : परमातम पूरण कला…
पूरण सुख शिवसद्मना,
परिभोक्ता हो श्रेयांस जिनदेव;
दीन अनाथ हुं दु:खीयो,
आव्यो शरणे हो करवा तुज सेव.
…पूरण.१
एक एक प्रदेशमां ताहरे,
प्रभु हो गुण अनन्तनो वास;
हुं अनन्त दुर्गुण भर्यो,
केवी रीते हो प्रभु टालुं ए पास.
…पूरण.२
तुज गुण हृदये ध्यावतां,
मलशे प्रभु मुज रूडो संयम योग;
कर्म पास ए जालशे,
एम मानी हो धार्यो तुज संयोग.
…पूरण.३
प्आश्रय लइ तुज चरणनो,
अमे तरशुं हो भवउदधि अपार;
म्होटांने अवलम्बतां,
पद म्होटुं हो लेतां शी वार.
…पूरण.४
आत्म कमलमां जिन वस्या,
मानुं म्होटो ए प्रभुनो उपकार;
लब्धिसूरि सुखसंपदा,
पामी थाशे हो शिवरमणी भरतार.
…पूरण.५
यह आलेख इस पुस्तक से लिया गया है
सत्य वचन. परमप्रभु अत्यन्त करूणावंत हैं. हमारे ह्वदयकमल में विराजमान हैं. नमन सहित,सुज्ञान मोदी.