श्री पद्मप्रभु जिन स्तवन
राग : मनडुं किम हि न बाजे हो कुंथुजिन…
Continue reading “मनडुं हाथन आवे हो, पद्म प्रभ!” »
मनडुं हाथन आवे हो, पद्म प्रभ!
हो अविनाशी
श्री पद्मप्रभु जिन स्तवन
राग : सुण चंदाजी…
Continue reading “हो अविनाशी” »
अभिनंदन जिन! दरिसण तरसीए
श्री अभिनंदन जिन स्तवन
राग : धन्यासिरि-सिंधुओ – “आज निहेजो रे दीसे नाईलो रे…’’ ए देशी
अभिनंदन जिन! दरिसण तरसीए,
दरिसण दुरलभ देव;
मत मत भेदे रे जो जई पूछीए,
सहु थापे अहमेव.
देखण दे रे, सखी!
श्री चंद्रप्रभ जिन स्तवन
राग : केदारो तथा गोडी – ‘‘कुमारी रोवे, आक्रंद करे, मु कोई मुकावे…’’ ए देशी
देखण दे रे, सखी!
मुने देखण दे, चंद्रप्रभ मुखचंद,
उपशमरसनो कंद, सखी.
गत कलि-मल-दु:खदंद..
अरज सुनो प्रभु अनंत जिणंदा
श्री अनंतनाथ जिन स्तवन
राग : कल्याणअरज सुनो प्रभु अनंत जिणंदा
Continue reading “अरज सुनो प्रभु अनंत जिणंदा” »
प्रभु! तेरे नयनकी बलिहारी
श्री अभिनंदन जिन स्तवन
राग : भैरवी
Continue reading “प्रभु! तेरे नयनकी बलिहारी” »
प्रीतम माहरो रे
श्री ऋषभदेव जिन स्तवन
राग : मारु – ‘‘करम परीक्षा करण कुमार चाल्यो…’’ ए देशी
ऋषभ जिनेसर प्रीतम माहरो रे,
ओर न चाहुं रे कंत;
रीझ्यो साहिब संग न परिहरे रे,
भांगे सादि अनंत.
वीर जिनेश्वर चरणे लागुं
श्री महावीर जिन स्तवन
Continue reading “वीर जिनेश्वर चरणे लागुं” »
श्री सीमंधर स्वामी, मुक्तिना गामी
श्री सीमंधर स्वामी जिन स्तवन
राग : माढ.., नेमि जिन प्यारा…
श्री सीमंधर स्वामी, मुक्तिना गामी, दीठे परमानंद,
प्रभु सुमति आपो, कुमति कापो, टाळो भवभयङ्गंद,
कर्म अरिगण दूर करीने,
तोडो भवतरू कंद रे.
तारा रे नयनां प्याला
श्री शंखेश्वर पार्श्व जिन स्तवन
Continue reading “तारा रे नयनां प्याला” »